सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि क़ानूनों के अमल पर लगाई रोक, ज़मीनी हक़ीक़त समझने के लिए इस कमिटी का निर्माण किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कृषि क़ानूनों के अमल पर रोक लगा दी. एक कमिटी बनाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही जस्टिस बोबड़े ने ये साफ़ कर दिया कि ये कोई Mediating कमिटी नहीं होगी.
जस्टिस बोबड़े ने कहा कि अशोक गुलाटी, हरसिमरत मान, प्रमोद जोशी जैसे Agricultural Economists इस कमिटी का हिस्सा होंगे. ज़मीनी हक़ीक़त समझने के लिए इस कमिटी का निर्माण किया जाएगा.
BKU (भानू) का पक्ष रख रहे वक़ील ए.पी.सिंह ने कहा कि वो विरोध स्थल पर वरिष्ठ नागरिकों के खड़े होने से चिंतित है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भविष्य में बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों के विरोध में न हिस्सा लेने वाली बात की वो सराहना करते हैं.
इसके साथ ही जस्टिस बोबड़े ने विरोध के लिए एक निहित स्थान देने की बात भी की. बीते सोमवार को हुई सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने समिति के गठन पर ज़ोर दिया था.
![Supreme court bans all three agricultural laws](https://bawalbharti.com/wp-content/uploads/2021/01/Supreme-Court-2-770x433-1-e1610441551460.jpg)
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये संकेत दिए थे कि ज़रूरत पड़ने पर और समाधान मिलने तक वो इन क़ानूनों पर रोक लगा सकती है. जस्टिस बोबड़े ने सरकार के कृषि क़ानून और किसान विरोध के प्रति रवैये पर निराशा जताई थी.