केजरीवाल के लिए आज का दिन बेहद अहम है. मुहर्रम की छुट्टी के दिन स्पेशल सुनवाई की व्यवस्था की गई है.
शराब नीति मामले में CBI के केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई जारी है. सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने कहा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी ED मामले में अंतरिम ज़मानत दे दी है. आज वो बाहर होते, अगर सीबीआई इंश्योरेंस अरेस्ट नहीं करती.
केजरीवाल के लिए आज का दिन बेहद अहम है. मुहर्रम की छुट्टी के दिन स्पेशल सुनवाई की व्यवस्था की गई है. दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज सुनवाई होने जा रही है.
सीएम केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान क्या दलीलें दीं?
अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान दलीलें दीं, “तीन दिन पहले हमने देखा पाकिस्तान में इमरान खान रिहा हुए, उन्हें दोबारा दूसरे केस में गिरफ़्तार कर लिया गया. लेकिन हम गर्व से कह सकते हैं, हम वैसा देश नहीं है.
अरविंद केजरीवाल एक मुख्यमंत्री हैं, कोई आतंकवादी नहीं कि उनको जमानत ना मिले. तारीखें इस बात का बयान देती हैं कि गिरफ्तारी की कोई जरूरत नही थी. ये केवल इंश्योरेंस अरेस्ट था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने आदेश में साफ कहा है कि इंटेरोगेशन गिरफ़्तारी का आधार नहीं हो सकता.
ये कोई पोस्ट ऑफिस सिस्टम नहीं है. अरविंद की गिरफ्तारी को लेकर 25 जून को एक अर्जी दाखिल की गई. निचली अदालत ने केवल एक आधार पर गिरफ्तारी की इजाजत दे दी. आर्टिकल 21 और 22 को इस मामले में अनदेखा किया गया. इस मामले में केवल एक आधार था कि वो जवाब नहीं दे रहे हैं. CBI ने अपनी अर्जी में गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं दिया.
केवल कहा कि केजरीवाल को गिरफ्तार करना है. एक भी आधार नहीं बताए गए कि आखिर गिरफ्तारी क्यों की जा रही है? अरविंद केजरीवाल को बिना सुने 25 जून को CBI की अर्जी को मंजूरी मिल गई और गिरफ्तार किया गया.”
अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए कहा कि अगर इस मामले में देरी होती है, तो अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाए.