You go by car and get vaccinated by paying one thousand to two thousand

कार वाले फिर से धोखा खाएँगे। सरकार ने उन्हें झाँसा देने के लिए टीका लगाने की नई दुनिया खोल दी है। होटल, मॉल, पॉश स्कूल की चमकदार इमारतों में आप कार से जाइये एक हज़ार से दो हज़ार देकर टीका लगवाइये।

ग़रीब और आम आदमी की आवाज़ तो वैसी भी नहीं सुनी जाएगी। कार वालों को शांत कराने के लिए आकर्षक टीका केंद्र खोले जा रहे हैं। इससे अश्लील कुछ हो नहीं सकता।

दो हफ़्ता पहले तक कार वालों को भी अस्पताल और आक्सीजन उपलब्ध नहीं था। लोग बीच रास्ते में दम तोड़ रहे थे। कार को ही अस्पताल बनाकर भाग रहे थे। आज इन कार वालों को ड्राइव थ्रू की व्यवस्था की जा रही है। ताकि अख़बारों में हेडलाइन और तस्वीर सुंदर छपे।

जब तक आप इस मनोविज्ञान को नहीं समझेंगे, इतनी बड़ी संख्या में अपनों को गँवा कर भी कुछ हासिल नहीं कर पाएँगे। अस्पातल कभी नहीं सुधरेंगे। क़ायदे से सबको सरकारी अस्पताल में जाकर टीका लेना चाहिए ताकि वहाँ जाने की आदत बने और देख सकें कि अस्पताल का सिस्टम कैसा है।

जब तक हम सभी के लिए सरकारी अस्पताल की माँग नहीं करेंगे, निगरानी नहीं करेंगे, हम सभी एक बार फिर अस्पतालों के बाहर इसी तरह गिड़गिड़ाते मिलेंगे। तो ड्राइव थ्रू इन के खेल को समझिए।

अब देखिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने निजी निवेशकों से कहा है कि राज्य के सभी ज़िलों में अस्पताल बनाएँगे तो सरकार उन्हें मुफ़्त में ज़मीन देगी। इस। संकट के नाम से एक बार फिर प्राइवेट सेक्टर के अपने दोस्तों को ज़मीन बाँटने का खेल चल रहा है।

उनकी इमारतों की तस्वीर आपकी आँखों को भी सुहाएगी। आप विकास के भद्दे सपने में खो जाएँगे। जब तक सरकारी अस्पताल का सिस्टम अच्छा नहीं होगा। सबके लिए अच्छा नहीं होगा तब तक किसी का भला नहीं होने वाला है।

इस बार बहुत से लोगों ने अनुभव किया। कोरोना के कारण उन्हें सरकारी अस्पताल में जाना पड़ा। बेशक कहीं अच्छे अनुभव रहे होंगे लेकिन कमियों को भी देख लिया।

अगर हम पहले से ही इसे लेकर सतर्क रहते तो अस्पतालों की हालत इतनी ख़स्ता न होती। आपको एक बार फिर से बहलाया जा रहा है। प्राइवेट अस्पताल का सपना दिखाया जा रहा है। आपके टैक्स की ज़मीन सरकार प्राइवेट अस्पताल को फ़्री में देगी और प्राइवेट अस्पताल इलाज के नाम पर आपकी ज़मीन बिकवा देगी।

आप किसी भी राजनीतिक धारा के हों, इस खेल को समझिए।

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