untold story of satish shah

अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाने वाले सतीश शाह 70 साल के हो चुके हैं. उनका जन्म 25 जून 1951 को गुजरात के कच्छ जिले में हुआ. सतीश शाह को शुरु से  फिल्मों में काम करने का शौक था यही हसरत उन्हे मुंबई तक ले आई.

बॉलीवुड में किस्मत आजमाने आए सतीश शाह को भी ये अहसास नहीं होगा कि चकाचौंध से भरी इस दुनिया में एक बेजान जिस्म बन कर उन्हें कामयाबी हाथ लगेगी. यूं तो सतीश शाह का फिल्मी करियर 1978 में आई फिल्म ‘अजीब दास्तां’ से शुरू हुआ. पर पहचान मिली  ‘जाने भी दो यारों’ से. इस फिल्म से वो रातों रात लोगों की नज़रों मे आए थे. 

satish shah jaane bhi do yaaro
satish shah jaane bhi do yaaro
फिल्म मे बने लाश उससे मिली पहचान

नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, पंकज कपूर, सतीश शाह, नीना गुप्ता, रवि वासवानी सब मिलकर 1983 में फिल्म ‘जाने भी यारों’ में काम कर रहे थे. इस फिल्म का नाम ‘जाने भी दो यारों’ जरूर था पर इन कलाकारों में से कोई भी इस फिल्म को यूं ही जाने नहीं दे सकता था क्योंकि ये सबके करियर का सवाल था.

कुंदन शाह के डायरेक्शन में बन रही ये एक डार्क कॉमेडी फिल्म थी. पर सतीश शाह को चंद सीन्स के बाद पूरी फिल्म में लाश बने रहने का रोल मिला. और ये कहना कतई गलत नहीं होगा कि मुर्दा बन कर सतीश शाह पूरा मजमा लूट ले गए.

satish shah jaane bhi do yaaro
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हर मेजर सीन में सतीश शाह लाश ही बने नजर आए. पर ये उनकी एक्टिंग के हुनर का ही कमाल था कि उनके चेहरे पर नजर पड़ते ही दर्शकों की हंसी छूट जाती थी. फिल्म में सतीश शाह डिमेलो नाम के शख्स के रोल में है. लाश हैं पर पूरी फिल्म की जान और केंद्र वही हैं. इसके बाद सतीश शाह कई फिल्मों में दिखे और टीवी सीरियल्स में भी नजर आए.

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