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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में शामिल अधिकांश राजनीतिक दलों ने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और जल्द से जल्द विधानसभा का चुनाव संपन्न कराने की मांग उठाई.बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज की बैठक एक विकसित, प्रगतिशील जम्मू कश्मीर की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है

जहां सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ाया गया है. सरकार की प्राथमिकता जम्मू कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है; परिसीमन तेज गति से होना चाहिए ताकि चुनाव कराए जा सकें. मैंने जम्मू कश्मीर के नेताओं से कहा कि लोगों, विशेषकर युवाओं को राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करना है

और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों.’केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं.उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर पर आज की बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई.

सभी ने संविधान और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की. जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया. हम जम्मू कश्मीर के सर्वांगीण विकास को लेकर कटिबद्ध हैं.’एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा,

‘जम्मू कश्मीर के भविष्य को लेकर चर्चा हुई और परिसीमन की प्रक्रिया तथा शांतिपूर्ण चुनाव राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अहम मील के पत्थर हैं, जैसा कि संसद में वादा किया गया था.’कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से यह मांग भी उठाई गई कि जमीन एवं रोजगार के मामलों में राज्य के डोमेसाइल की गारंटी दी जाए

तथा राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए. इस सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की ओर से आजाद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर और पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद शामिल हुए.प्रधानमंत्री के आवास पर हुई बैठक के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस बैठक में हमने पांच मुद्दे उठाए हैं.

पहला यह कि जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए. दूसरा, वहां चुनाव कराये जाएं.’उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में बहुत लंबे समय से राज्य के डोमेसाइल के नियम रहे हैं. हमारा यह कहना है कि केंद्र सरकार को गारंटी देनी चाहिए कि जमीन एवं रोजगार को लेकर डोमेसाइल होगा.’

आजाद ने कहा, ‘कश्मीरी पंडित पिछले तीन दशक से बाहर हैं. यह जम्मू कश्मीर के हर नेता का मौलिक कर्तव्य है कि कश्मीर के पंडितों की वापसी हो. हमसे जो हो सकेगा हम उसमें मदद करेंगे.’उन्होंने बताया, ‘पांच अगस्त, 2019 के फैसले के बाद जिन राजनीतिक लोगों को बंदी बनाया गया था, उनको सबको रिहा कर दिया जाना चाहिए.

यह मांग भी हमने की है.’कांग्रेस नेता के मुताबिक, ‘गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए वचनबद्ध हैं, लेकिन पहले परिसीमन होने दीजिए. परिसीमन के बाद चुनाव भी होंगे और पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.’

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