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भारतीय सिनेमाघरों में फ़िल्म शुरू होने से पहले ‘नो स्मोकिंग’ के विज्ञापन तो आपने देखे ही होंगे. इस विज्ञापन को बड़े परदे पर बार-बार दिखाए जाने से लोगों के अच्छे खासे मूड की बैंड बज जाती है. और इसमे सबसे ज्यादा दिखाया जाता है मुकेश का ऐड. 

के कैसे गुटखा चबाने से उसकी 24 साल मे मौत हो गई आज कई लोग ऐसे भी हैं जो मुकेश का मज़ाक उड़ाते हैं, लेकिन उन्हें मुकेश की दर्दनाक मौत के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

mukesh harane
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मुकेश की दर्दनाक कहानी

तंबाकू के इस ऐड में दिखने वाला लड़का कोई एक्टर नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के भुसावल शहर का रहने वाला मुकेश था. मुकेश बहुत साधारण परिवार से था. मुकेश को ग़लत संगत के चलते गुटखा चबाने की लत लग गई थी. इसी आदत ने उसकी ज़िंदगी खत्म कर दी. मुकेश अपने परिवार के लिए कमाने वाला एक मात्र स्रोत था, उनके पिता मज़दूर थे.

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दरअसल साल 2009 में भारत में जब ‘तंबाकू विरोधी अभियान’ के लिए एक विज्ञापन बनाया जा रहा था तब मुकेश मुंबई के अस्पताल में भर्ती थे. इस दौरान मुकेश के परिवार से उनका वीडियो इस विज्ञापन में शामिल करने की अनुमति ली गई थी. जब मुकेश की वीडियो ग्राफ़ी के लिए अनुमति ली गई तब उनके पास कहने के लिए बेहद कम शब्द थे.

वीडियो में मुकेश कहते हैं, ‘मेरा नाम मुकेश है. मैंने सिर्फ़ 1 साल गुटखा चबाया और मुझे कैंसर हो गया. मेरा ऑपरेशन हुआ है. शायद में इसके आगे बोल नहीं सकूंगा’. ये मुकेश के आख़िरी शब्द थे.

27 अक्टूबर, 2009 को कैंसर के चलते मुकेश ने केवल 24 साल की उम्र में दम तोड़ दिया था. इस दौरान सबसे हैरानी की बात ये थी कि मुकेश को तंबाकू की लत लगने और मृत्यु के बीच का समय केवल 1 साल था.

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