साड़ी एक ओवर-रेटेड परिधान है! और ये कहना कि एक स्त्री साड़ी में सबसे ज़्यादा एलिगेंट या ख़ूबसूरत दिखती है, उससे भी ज़्यादा बड़ी अतिशयोक्ति है!
साड़ी एक ओवर-रेटेड परिधान है! और ये कहना कि एक स्त्री साड़ी में सबसे ज़्यादा एलिगेंट या ख़ूबसूरत दिखती है, उससे भी ज़्यादा बड़ी अतिशयोक्ति है!
साड़ी आपकी मोबिलिटी को प्रभावित करती है! इसे पहनकर आप दौड़ नहीं सकते! आपकी चाल की स्वाभाविकता पर भी असर डालती है! भगदड़ की स्थिति में औरतें सबसे अधिक संख्या में मारी जाती हैं, उसका एक सबसे बड़ा कारण होता है ये परिधान जो आपको भागने नहीं देता! आपको किसी (इन्सान या जानवर) से बचकर भागना हो अथवा किसी को खदेड़ कर पकड़ना हो, साड़ी आपको कमज़ोर बना देती है! इसी तरह आग लगने की स्थिति में साड़ी आपको वल्नरेबल बनाती है!
ये भी याद रखें कि आपके लिए साड़ी चॉइस का मसला हो सकता है लेकिन करोड़ों औरतों के लिए ये शादी के बाद एक अनिवार्य पहनावा बना दिया गया है! वो भी हर मौसम में- चाहे पसीने वाली गर्मी हो, या कड़कड़ाती सर्दी हो या फिर बरसात हो! साड़ी पहनकर कर फ्री-हैण्ड काम करने में भी परेशानी होती है!
साड़ी पहनने में भी उतनी आसान नहीं! सिल्क, कॉटन, शिफोन हर तरह की साड़ियों को पहनने में अलग-अलग तरह की परेशानी होती है! इसमें पॉकेट भी नहीं होता! साड़ी को अक्सर लड़की और औरत में फर्क करने के तौर पे अथवा विवाहित-अविवाहित स्त्री में अंतर करने का भी एक संकेतक के रूप स्थापित किया जाता है, ये शहरों में उतना नहीं लेकिन गाँवों में अब भी होता है! घूँघट का कॉन्सेप्ट भी साड़ी से जुड़ा हुआ है! और घूँघट औरतों पर कैसे पहरे, पाबंदी, पहचान, चरित्र से जोड़कर देखा जाता है, आप सब जानते हैं!
साड़ी को पहनने को लेकर भी कई तरह की बातें प्रचलित हैं! इसे संस्कार से जोड़कर स्त्रियों पर कई तरह के प्रतिबंध अथवा उनका मूल्यांकन किया जाता है! जैसे नयी बहू के सिर पे पल्लू न होना. विधवा स्त्रियों के लिए यही साड़ी सफ़ेद रंग का बना दिया जाना भी एक अमानवीयकरण है! तमाम वेस्टर्न पहनावे जैसे हाई हील, जापान में लड़कियों के जूते, विक्टोरियन ज़माने की कॉर्सेट जिसमें लड़कियों की जान तक चली जाती थी इत्यादि को गहराई से देखें तो पुरुष वर्चस्व द्वारा महिलाओं के लिए तय किये गए परिधान हैं!
अन्य परिधानों की तरह ये भी बस एक परिधान है! आपकी चॉइस और फ्रीडम के साथ हो तो ठीक है वर्ना ये एक महिमामंडित कल्चरल नॉस्टैल्जिया है!
Tara Shanker {PhD Regional Development}