मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किए जाने वाले दावों की पोल खोलकर रख दी. राज्य में कोरोना के रोजाना मामलों की संख्या 6 हजार के चिंताजनक आंकड़े को पार कर चुकी है.
कर्मचारियों की कमी के चलते अस्पतालों में अब माली (बागबानी करने वाला) के जरिए कोविड-19 के सैंपल जमा किए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के सांची जिले के सरकारी अस्पताल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां अस्पताल के माली के जरिए कोरोना के सैंपल एकत्रित किए जा रहे हैं.
वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, महामारी काल में दमोह में चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं.सैंपल एकत्रित करने वाले हल्के राम, अस्पताल के स्थायी कर्मचारी भी नहीं हैं.
जब उनसे सवाल किया गया कि आप यह सैंपल क्यों ले रहे हैं तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के ज्यादातर कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, मैं अस्पताल का माली हूं और पर्मानेंट भी नहीं हूं.
वहीं अस्पताल के BMO इनचार्ज राजश्री तिड़के ने इसका बचाव करते हुए कहा कि माली को सैंपल लेने की ट्रेनिंग दी गई है. उन्होंने कहा कि हम क्या कर सकते हैं.
अस्पताल का ज्यादातर स्टाफ इस खतरनाक वायरस के संक्रमण की चपेट में है. आपातकाल स्थितियों के लिए हमें दूसरे स्टाफ को ट्रेनिंग देनी पड़ी, जिसमें माली भी शामिल है.
देखे विडिओ
हैरान करने वाली बात ये है कि यह नजारा जिस जिले के सरकार अस्पताल का है, उसका प्रतिनिधित्व खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी करते हैं, जोकि इन दिनों उपचुनावों के प्रचार में जुटे हुए हैं.
डॉ चौधरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं. कमलनाथ सरकार गिरने से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. रविवार को दमोह में उन्हें कई जगहों पर महिला सम्मेलनों में संबोधन करते हुए देखा गया.
source NDTV