दिल्ली के एक केंद्रीय स्कूल में कथित तौर पर नाबालिग छात्रा से गैंगरेप किया गया. स्कूल के दो सीनियर छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने गलती से धक्का लगने से गुस्सा होकर पीड़ित छात्रा के साथ स्कूल के वॉशरूम में गैंगरेप किया.
कथित घटना बीती जुलाई महीने की है, जिसकी जानकारी अब सामने आई है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि पीड़िता इसी हफ्ते एक पुलिस स्टेशन पहुंची और अपनी आपबीती बताई.
इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली. हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है. उधर, दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने मामले पर दिल्ली पुलिस और स्कूल अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.
मामूली धक्का लगने पर नाबालिग छात्रा का गैंगरेप
छात्रा ने शिकायत में बताया है कि आरोपियों ने बहुत मामूली बात पर उससे दुष्कर्म किया. उसका कहना है कि एक दिन स्कूल में क्लास के बाहर उससे गलती से दोनों सीनियर्स को धक्का लग गया.
पीड़िता ने बताया कि उसने दोनों सीनियर छात्रों से माफी मांगी थी. इसके बावजूद लड़कों ने उसे कथित तौर पर गालियां दीं, वॉशरूम में ले गए और दरवाजा अंदर से बंद कर रेप किया.
पीड़िता के मुताबिक उसने स्कूल की एक टीचर को इस बारे में बताया था. उस टीचर ने आरोपियों को स्कूल से निकालने का वादा किया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. शिकायत में पीड़िता ने टीचर और स्कूल के लोगों पर मामले को दबाने का आरोप भी लगाया है.
नई दिल्ली की DCP अमृता गुगुलोथ ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया,
“यौन उत्पीड़न और पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.”
उधर स्कूल के पदाधिकारियों का कहना है कि पीड़िता ने मामले की जानकारी प्रिंसिपल को नहीं दी थी. उन्होंने बताया कि इस मामले में वो दिल्ली पुलिस का सहयोग कर रहे हैं. स्कूल प्रशासन को भी जांच के आदेश दिए गए हैं.
इस बीच मामले पर दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल की भी प्रतिक्रिया आई है उन्होंने कहा
“दिल्ली के एक स्कूल के अंदर 11 साल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार का गंभीर मामला सामने आया है. लड़की का आरोप है कि स्कूल टीचर ने मामले को दबाने की कोशिश की. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजधानी के स्कूल भी बच्चों के लिए असुरक्षित नहीं हैं. मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”
महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से FIR और गिरफ्तारी की कॉपी उपलब्ध कराने को कहा है. इसके अलावा स्कूल अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने की मांग की है.