jyda kapde dhone se prithvi par pad raha bura asar

हर किसी को साफ-सुथरे कपड़े पहनना पसंद है. साफ कपड़े पहनने से एक ओर जहां बीमारियों से बचा जा सकता है मगर एक्सपर्ट्स ने हाल ही में एक ऐसा चौंकाने वाला खुलासा किया है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. जानकारों ने दावा किया है कि अगर पृथ्वी को नष्ट होने से बचाना है तो गंदे-बदबूदार कपड़े  पहनना सही निर्णय होगा.

वॉशिंग मशीन का पर्यावरण पर पड़ता है बुरा प्रभाव

washing machine
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आपको बताते हैं कि जानकारों ने ऐसा क्यों कहा है. दरअसल, Society of Chemical Industry के एक्सपर्ट्स का कहना है कि वॉशिंग मशीन से कपड़े धुले जाने पर धरती को काफी नुकसान पहुंचता है.

उनके अनुसार जब से वॉशिंग मशीन का उपयोग बढ़ा है तब से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है. एक बार वॉशिंग मशीन का उपयोग करने से हम 7 लाख से ज्यादा माइक्रोस्कोपिक प्लास्टिक फाइबर पर्यावरण में रिलीज करते हैं.

ये प्लास्टिक फाइबर कपड़ों से निकलता है जो नालियों के रास्ते नदी, नहरों तक जाता है और जलजीवों पर बुरा प्रभाव डालता है.

गंदे कपड़े कितने दिन में धोने चाहिए

dirty clothes
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जानकारों ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार जीन्स महीने में सिर्फ एक बार धुलनी चाहिए वहीं ट्राउजर या जंपर्स को 15 दिनों में एक बार धुलना चाहिए. पैयजामा को हफ्ते में एक बार धुला जा सकता है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि जिम में पहनने वाले कपड़े और अंडरवियर को रोज धोया जाना चाहिए मगर उन कपड़ों को वॉशिंग मशीन के जगह हाथ से धुला जाना चाहिए.

महिलाओं के टॉप 5 बार पहनने के बाद धुले जाने चाहिए, ड्रेसेज को 4 से 6 बार पहनने के बाद धुलना चाहिए और महिलाओं की ब्रा को हफ्ते में एक बार धुला जाना चाहिए. सस्टेनबल क्लोदिंग ग्रुप के को-फाउंडर ओर्सोला डी कैस्ट्रो ने कहा कि पहले जब वॉशिंग मशीन नहीं थी तब लोगों को कपड़े धुलने में काफी समस्या होती थी इस वजह से तब लोग कम कपड़े धुलते थे.

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