4 साल पहले ऑर्केस्ट्रा में नचवाने के लिए लड़की को स्टेशन से उठाया गया था.
भारत में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के रोजाना कई मामले सामने आते रहते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं शिकार होती हैं. एक ऐसा ही मामला झारखंड से भी सामने आया है.
जहां एक लड़की को चार साल पहले स्टेशन से उठा लिया गया था और अब जाकर एक NGO की मदद से वो अपने घर पहुंची है.
चार साल बाद बेटी को देखते ही पिता की आंखे भर आईं और वो अपनी बेटी को सीने से लगाकर रो पड़े.

मिशन मुक्ति फाउंडेशन” की टीम ने बिहार के मोतीहारी जिले के पिपरीकोठी थाने की सहायता से धनबाद की एक लड़की को आर्केस्ट्रा चालक की कैद से आजाद कराया. जिसे 4 साल पहले बेहोश करके उठा लिया गया था. और 4 साल से बंधक बना कर रखा गया था.
जब NGO और पुलिस की टीम लड़की को उसके घर धनबाद लेकर आई तो पिता को यकीन नहीं हुआ कि उनकी बेटी फिर से घर पहुंच चुकी है. 4 साल बाद अपने घर के आंगन में बेटी को देखते ही पिता ने सीधे उसे गले लगाया और बेटी और पिता फफक कर रोने लगे.
इसके बाद भाई की आंखों में भी आंसू आए और उसने बहन को गले लगाया. पूरा परिवार बेटी को वापस पाकर खुश हो गया.
ये है पूरा मामला
दरअसल 22 मार्च 2017 की शाम धनबाद की रहने वाली रचना (बदला हुआ नाम) धनबाद स्टेशन पर अपने दोस्तों के साथ घूम रही थी. वहां एक युवक ने उसे कुछ सुंघा दिया, लड़की बेहोश हो गई. जब उसे होश आया तब उसने खुद को बस में पाया.
रचना को दुबारा होश आता देख युवक ने उसे फिर से कुछ सुंघाया, उसके बाद जब होश आया तब उसने खुद को मोतीहारी से 15 किलोमीटर दूर पिपरीकोठी में पाया और पता चला कि उसे एक लाख बीस हजार रुपये में बेच दिया गया है. इसके बाद उससे घर के काम करवाने के अलावा ऑर्केस्ट्रा पार्टी में नचवाया जाता था.