नखरौला ग्राम वासियों, प्रतिनिधियों द्वारा हुड्डा एडमिनिस्ट्रेटर गुरुग्राम श्री जितेंद्र यादव को मार्फत राजेन्द्र सिंह नायब तहसीलदार लैंड एक्विजिशन एचएसवीपी सेक्टर 14 गुरुग्राम, ज्ञापन सौंपा गया।
सूर्य देव पुत्र श्री गुरु देव लंबरदार नखरौला ने बताया कि सन 2004 में एचएसआईडीसी द्वारा नखरौला ग्राम वासियों की यह जमीन अधिग्रहण की गई थी।
इस अधिग्रहण के विरुद्ध ग्रामवासी हाई कोर्ट गये। हाई कोर्ट में ग्रामीणों का यह मुकदमा पेंडिंग होने के दौरान इस जमीन पर रोड निकालने जैसी अन्य कार्रवाई सरकार द्वारा नहीं की जानी चाहिए थी
परंतु सरकारी विभाग हुड्डा द्वारा कोर्ट केस पैंडिंग रहने के दौरान ही इस जमीन में से सैक्टर 81-81ए – 82 गुरुग्राम डिवाइडिंग रोड निकालने की प्लानिंग कर दी गई।
बाद में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा इस जमीन को अधिग्रहण मुक्त कर दिया गया। इसके बावजूद भी सरकारी विभाग हुड्डा ने उस रोड को पूर्व निश्चित स्थान पर ही बिना फिर से भूमि एक्वायर किये बनाना शुरू कर दिया और यह रोड अधिग्रहण मुक्त जमीन पर पहुंचते ही बनने से रुक गया जो कि आज भी आधा अधूरा बना व लटका पड़ा है।
हालांकि नखरौला ग्रामवासी भी चाहते हैं कि यह रोड जल्दी बनाया जाये जिससे ग्राम वासियों को आने जाने में बड़ी मुसीबत का सामना ना करना पड़े।
इसलिए भूस्वामियों व ग्राम वासियों ने खुद से सरकार को इस ज्ञापन जिसे गांव के सभी लंबरदारों, सरपंच, पंच, मौजिज व्यक्तियों व अन्य दर्जनों लोगों द्वारा साइन किया गया है के माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास किया है कि सरकार इस रोड को जल्दी बनाकर पूरा करे।
परंतु इसके लिए सरकार को भू स्वामियों से उनकी जमीन लेनी पडेगी। सोनारायण भू स्वामी ने बताया कि वे भी इस आधे अधूरे बनने से रुके पड़े रोड को आगे बनाने के लिए सरकार को जमीन देने के लिये तैयार है
परंतु उनकी कुछ शर्ते यह है कि सरकार द्वारा विस्थापित हुए भू स्वामियों को वन टाईम 12 करोड रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाऐ, या भू स्वामियों की जमीन से लगती हुई उन्हें बराबर की जमीन दी जाये व जिनके मकान रोड में जाएंगे उन मकान से विस्थापित स्वामियों को मकान का अलग से मुआवजा दिया जाए।
यदि सरकार को यह सब मंजूर नहीं तो फिर नए सिरे से इस भूमि का अधिग्रहण किया जाए व भू स्वामियों को कोर्ट में जाने की अनुमति प्रदान की जाए।