छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक 6 माह की बच्ची को ऐसी बीमारी थी, जिसके बचाव का एक ही तरीका था. वो ये कि उसका लिवर ट्रांसप्लांट किया जाए. डॉक्टरों के अनुसार अगर ट्रांसप्लांट नहीं किया जाता तो यह बच्ची ज्यादा से ज्यादा एक-दो महीने ही जिंदा रह पाती. लेकिन इस बच्ची के माता-पिता ने हिम्मत नहीं हारी. अपनी बच्ची के लिए उन्होंने अपना लिवर दिया. दरअसल बच्ची को बाइलियरी अत्रेसिआ बीमारी थी.
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे के मार्गदर्शन में इस ऑपरेशन को किया गया. डॉ. मोहम्मद अब्दुन नईम एवं डॉ. अजीत मिश्रा की टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को 8 से 9 घंटे में पूरा किया. यह ऑपरेशन मध्यभारत का पहला ऐसा ऑपरेशन है जिसमें इतनी कम उम्र की बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट हुआ है.