कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 32 दिन से जहां देश के किसान दिल्ली की दहलीज पर डटे हैं
कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रोश:किसानों के समर्थन में आए फाजिल्का के वकील ने जहर खाकर की आत्महत्या, लिखा- कुछ लोगों के ही बनकर रह गए प्रधानमंत्री मोदी
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 32 दिन से जहां देश के किसान दिल्ली की दहलीज पर डटे हैं, वहीं मौतों का सिलसिला भी रुक नहीं रहा। रविवार सुबह बहादुरगढ़ के टिकरी स्थित हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर पंजाब के एक और किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
सुसाइड से पहले किसान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र भी छोड़ा है। पत्र का कुछ हिस्सा टाइप किया जबकि कुछ हिस्सा पेन से लिखा गया है।
फिलहाल पुलिस पहले से टाइप करके लाए गए इस पत्र की जांच कर रही है। अब तक इस आंदोलन में 30 से ज्यादा किसानों की मौत आत्महत्या और ठंड की वजह से हो चुकी है।
आत्महत्या करने वाले किसान की पहचान फाजिल्का जिले के मंडी लाधूका निवासी अमरजीत सिंह राय के रूप में हुई है। वह किसान होने के साथ-साथ वकील भी थे और जलालाबाद बार एसोसिएशन के सदस्य थे। पिछले एक सप्ताह से वह धरने में शामिल थे।
अमरजीत सिंह राय ने रविवार सुबह दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से करीब 6 किलोमीटर दूर पकौड़ा चौक के पास जगह खा लिया। हालत बिगड़ने पर वकील को रोहतक PGIMS रेफर किया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई।
इसकी पुष्टि किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सतपाल कंबोज ने की, जो रोहतक अस्पताल में उसके साथ थे।