New positives of UK corona virus come out in India 6 positive

ब्रिटेन से लौटने वाले छह मरीज नए म्यूटेंट कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इन सभी लोगों को सिंगल आइसोलेशन रूम में रखा गया है. आपको बता दे 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच UK से 33,000 लोग भारत आए थे.

भारत में भी Uk वाले Coronavirus New Strain की एंट्री हो गई है. ब्रिटेन से लौटने वाले छह मरीज इस म्यूटेंट कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.

इन सभी 6 लोगों को सिंगल आइसोलेशन रूम में रखा गया है. इनके संपर्क में आए करीबी लोगों को भी क्वारंटाइन में रखा गया है. आपको बता दे 33,000 यात्री UK से भारत के अलग-अलग एयरपोर्ट पर 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच आए थे, जिनमें से अभी तक 114 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

Uk वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के भारत में निकले 6 पॉजिटिव
Uk वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के भारत में निकले 6 पॉजिटिव

जब इन लोगों के सैंपल को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया तो छह में नया स्ट्रेन मिला. इनमें से तीन सैंपल NIMHANS, बेंगलुरु, 2 CCMB, हैदराबाद और 1 NIV, पुणे में मिला है. इन सभी मरीजों को उनके राज्यों में खास तौर पर तैयार हेल्थकेयर फैसिलिटी में रखा गया है.

फॉर सेफ़्टी उनके करीबी लोगों को भी क्वारंटाइन किया गया है. इसके अलावा, उनके सहयात्रियों, परिवार के अन्य सदस्यों और संपर्क में आए दूसरे लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है.

Uk वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के भारत में निकले 6 पॉजिटिव
Uk वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के भारत में निकले 6 पॉजिटिव

दूसरे नमूनों की भी जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है. बता दें कि भारत के पहले नए म्यूटेंट कोरोनवायरस वाले स्ट्रेन के केस अब तक जर्मानी, कनाडा, जापान, लेबनान, डेनमार्क, नेदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, और सिंगापुर जैसे देशों में सामने आ चुके हैं.

ज़्यादा खतरनाक है ये कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन

सबसे पहले UK में मिले इस वायरस के म्यूटेंट स्ट्रेन को पहले वाले वायरस से 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है. 

Uk वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के भारत में निकले 6 पॉजिटिव
Uk वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के भारत में निकले 6 पॉजिटिव

कोरोना का ये नया स्ट्रेन- जिसके वायरल जेनेटिक लोड में कम से कम 17 बदलाव हुए हैं- पहली बार दक्ष‍िण-पूर्व इंग्लैंड में सितंबर में पहली बार मिला था.

यह स्ट्रेन- B.1.1.7 – क्लीनिकल सीवीएरिटी या मृत्यु दर में कोई बदलाव नहीं करता है, लेकिन 70 प्रतिशत अधिक संक्रमणीय है. तो अब सोचिए ये कितनी तेज फैलेगा.

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