Child sex ratio in India has been declining for the last 3 decades

पिछले 3 दशकों से भारत में चाइल्ड सेक्स रेश्यो घाट रहा है! 1000 मेल चाइल्ड पर मात्र 919 फीमेल चाइल्ड हैं! मतलब ये कि लोग कन्याभ्रूण हत्या अब और अधिक करने लगे हैं! वयस्कों में भी 1000 पुरुषों पर 943 महिलायें ही हैं! हरयाणा जैसे राज्य में तो 1000 हज़ार पुरुषों पर मात्र 879 महिलायें हैं! यूपी-बिहार भी एक हज़ार पुरुषों पर 82 और 88 महिलायें कम हैं!

कारण तो आप जानते ही हैं कि बेटियों पर बेटों को प्राथमिकता! ज़रा सोचिये कि भारत जैसे देश में अगर कोई वन चाइल्ड या टू चाइल्ड पालिसी लागू की जाती है तो ये सेक्स रेश्यो कम होकर कितना भयानक रूप ले सकता है! कन्या भ्रूण हत्या कितनी बढ़ जाएगी! जब दो ही पैदा करने की बाध्यता होगी तो लोग दोनों लड़का चाहेंगे! लावारिस बच्चों की संख्या भी बढ़ेगी!

चीन में 1979 में वन चाइल्ड पालिसी लागू किया था जिसको उसने मजबूर होकर 2015 में हटा दिया क्योंकि सेक्स रेश्यो इतना कम हो गया इन सालों में कि ये वियतनाम, लाओस, कम्बोडिया से लड़कियाँ ख़रीदकर शादी करने लगे! हरयाणा से ऐसी ख़बरें आती हैं कि लोग मुर्रा भैसों से भी कम पैसों में लड़कियाँ ख़रीदते हैं शादी के लिए, बच्चा (बेटा) पैदा करने के लिए! सोचो चीन में हमारे यहाँ जितना son preference भी है!

इसलिए जो भी पार्टी या राजनेता ऐसी किसी नीति की वक़ालत करता है, वो धूर्त होता है! क्योंकि उनका लक्ष्य जनसंख्या कम करना नहीं बल्कि अल्पसंख्यकों को कण्ट्रोल करना होता है!

क्रेडिट – तारा शंकर (PhD) JNU

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