कभी 12वीं में हो गए थे फेल, फिर UPSC क्लियर कर बनें IAS ये है सैयद रियाज़ अहमद की कहानी
अक्सर माना जाता है कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल पढ़ाई में तेज़ और टॉपर छात्र ही क्लियर कर सकते हैं। हालांकि सैयद ने यह मिथक को गलत साबित कर दिया। साधारण परिवार से आने वाले सैयद पढ़ाई में एक एवरेज स्टूडेंट रहे हैं।
12वीं में फेल होने के बाद उनके टीचर ने उनके पिता से कहा था की आपका बेटा जीरो है और वह जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा। परन्तु उनके माता पिता ने हमेशा उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जिसका नतीजा आज हम सबके सामने है। आइये जानते हैं IAS सैयद रियाज़ अहमद की सफलता की कहानी।
12वीं की बोर्ड परीक्षा में हुए थे फेल
सैयद अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि वह पढ़ाई में एक एवरेज स्टूडेंट से भी कमज़ोर थे। जब वह बाहरवीं कक्षा में थे तो फेल हो गए थे जिसके बाद उनके पिता को स्कूल में बुलाया गया।
तब उनके शिक्षक ने उनके पिता से कहा था कि आपका बेटा पढ़ाई में ज़ीरो है और यह जीवन में कुछ नहीं कर सकता। इसके जवाब में उनके पिता ने कहा कि वो एक दिन जरूर कुछ बड़ा करेगा। अपने पिता के इस विश्वास ने सैयद को बहुत हिम्मत दी और वह निरंतर मेहनत करते रहे।
12वीं पास करने के बाद सैयद ने ग्रेजुएशन और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
पांचवें एटेम्पट में मिली सफलता
सैयद ने 2013 में UPSC की तैयारी शुरू की और 2014 में अपना पहला एटेम्पट दिया। इस समय उन्हें पेपर के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी और वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर सके। इसके बाद वह कोचिंग के लिए दिल्ली आये और फिर से तैयारी शुरू की।
दूसरे अटेम्पट में भी प्री क्लियर नहीं हुआ और इस बार कारण था ज्यादा प्रश्न करना जिससे निगेटिव मार्किंग हो गई और वह कट ऑफ क्वालीफाई नहीं कर सके।
तीसरे अटेम्पट में सैय्यद ने प्री और मेन्स पास कर लिया लेकिन इंटरव्यू में पास नहीं हुए। उन्होंने अगले एटेम्पट के लिए अपनी स्ट्रेटजी में बदलाव किया परन्तु चौथे एटेम्पट में मेन्स क्लियर नहीं हुआ।
चार बार असफल होने के बाद सैयद बेहद निराश हो गए थे और उन्होंने UPSC की तैयारी छोड़ कर कुछ और करने का फैसला कर लिया था। परन्तु उनके पिता के समझाने पर उन्होंने एक आखिरी बार कोशिश करने का निर्णय लिया। पाँचवे एटेम्पट में सैयद ने खूब मेहनत की और वह मेहनत रंग लाई। सैयद ने UPSC सिविल सेवा 2017 की परीक्षा में 261वीं रैंक हासिल की।
सफलता का रास्ता कठिन पर फलदायी
अपने संघर्ष के बारे में बात करते हुए सैयद कहते हैं “इतने सालों तक बार-बार असफल होना और फिर से तैयारी करना आसान नहीं था लेकिन मन में दृढ़ विश्वास था की एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। जब कभी हिम्मत हारने लगता तो लोगों के ताने याद आते और फिर मेहनत करने के लिए प्रेरित हो जाता था।”
इस दौरान सैयद के पिता ने भी उनका पूरा सहयोग किया और उनसे ज्यादा उन पर भरोसा दिखाया जिससे सैय्यद की हिम्मत बनी रही। वह कहते हैं कि यदि उनके पिता ने उन पर विश्वास नहीं दिखाया होता तो आज वह सफल नहीं हो पाते।
उम्मीदवारों के लिए सैयद कहते हैं “अगर मैं कर सकता हूँ तो कोई भी कर सकता है। शर्त बस इतनी है की अपने लक्ष्य पर अडिग रहे और निरंतर प्रयास करते रहे। सफलता का रास्ता लम्बा ज़रूर है पर कामयाबी अवश्य मिलेगी।”
source Jagran