उप चुनावों में कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में एक चौंकाने वाली जीत दर्ज की है. कांग्रेस ने हिमाचल में भाजपा की दो और कर्नाटक में एक सीट पर कब्जा कर लिया है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने फतेहपुर और अर्की विधानसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखते हुए जुब्बल-कोटखाई में भी जीत दर्ज की.
वहीं भाजपा की अंदरूनी कलह और गलत अनुमान के कारण कांग्रेस को मंडी लोकसभा सीट पर भी जीत मिली है. पार्टी ने इसे भाजपा के खिलाफ मुकाबले में सीधी जीत बताया है. पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “कांग्रेस की हर जीत हमारे पार्टी कार्यकर्ता की जीत है. नफरत से लड़ते रहो. कोई डरे नहीं!”
अधिकांश उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी ही जीत दर्ज करती है, लेकिन कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में फतेहपुर और अर्की सीट को बरकरार रखने में कामयाब रही.
राज्य के नेताओं ने ऑफ द रिकॉर्ड इसके लिए सत्ता विरोधी लहर, पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि और बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया. पार्टी को बड़ा फायदा राज्य का सेब का गढ़ कहे जाने वाला जुब्बल-कोटखाई में मिला, जिस पर बीजेपी का कब्जा था.
यह सीट कांग्रेस के खाते में आने के पीछे बीजेपी का पूर्व विधायक नरिंदर सिंह बरागटा के बेटे चेतन सिंह बरागटा से टिकट वापस लेने का फैसला है, जिससे नाराज चेतन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा. इसके चलते बीजेपी का वोट विभाजित हो गया और इसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिला.
इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी नीलम सरायक की जमानत तक जब्त हो गई. कांग्रेस ने मंडी लोकसभा सीट भी जीती है, जहां भाजपा ने 2019 में चार लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी कारगिल युद्ध के नायक ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर (सेवानिवृत्त) को सात हजार से अधिक वोटों से हराया है.