कभी किसी का दिल दुखाना नहीं चाहा जेल से आने के बाद बोले मुनव्वर फ़ारूकी
‘मेरा ख्व़ाब जगेगा मेरी नींद भरी आंखों में आंख लगेगी तो कभी थाम लेना हाथ मेरेताज चढ़ेगा सिर महल बनेगा कभी लिखना रुके तो दोनों काट देना हाथ मेरे’ जेल से रिहा…
‘मेरा ख्व़ाब जगेगा मेरी नींद भरी आंखों में आंख लगेगी तो कभी थाम लेना हाथ मेरेताज चढ़ेगा सिर महल बनेगा कभी लिखना रुके तो दोनों काट देना हाथ मेरे’ जेल से रिहा…