SC says husband cannot turn away from giving alimony to wife living separately

पीठ ने इसके साथ ही शख्स को मासिक गुजारे भत्ते के तौर पर 1.75 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी शख्स अलग रह रही पत्नी को गुजारा भत्ता देने की जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकता है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन की पीठ ने एक व्यक्ति को उसकी पत्नी को 2.60 करोड़ रुपये की पूरी बकाया राशि अदा करने का अंतिम मौका देते हुए शुक्रवार को ये आदेश सुनाया.

पीठ ने इसके साथ ही शख्स को मासिक गुजारे भत्ते के तौर पर 1.75 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया. पीठ ने तमिलनाडु के एक शख्स की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. यह शख्स एक दूरसंचार कंपनी में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी एक परियोजना पर काम करते हैं.

SC says husband cannot turn away from giving alimony to wife living separately
SC says husband cannot turn away from giving alimony to wife living separately

याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके पास पैसे नहीं है और उन्होंने रकम का भुगतान करने के लिए दो साल की मोहलत मांगी. इस पर पीठ ने कहा कि उसने अदालत के आदेश का अनुपालन करने में बार-बार नाकाम रहकर अपनी विश्वसनीयता खो दी है.

अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा कि इस तरह का व्यक्ति कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा की परियोजना से जुड़ा हुआ हो सकता है.पीठ ने कहा, ‘पति अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता मुहैया कराने की जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकता है और यह उसका कर्तव्य है कि वह गुजारा भत्ता दे.’

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘हम पूरी लंबित राशि के साथ-साथ मासिक गुजारा भत्ता नियमित रूप से अदा करने के लिए अंतिम मौका दे रहे हैं.

आज से चार हफ्तों के अंदर यह दिया जाए, इसमें नाकाम रहने पर प्रतिवादी को दंडित किया जा सकता और जेल भेज दिया जाएगा.’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद के लिए निर्धारित कर दी.

अदालत ने कहा, ‘रकम का भुगतान नही किए जाने पर अगली तारीख पर गिरफ्तारी आदेश जारी किया जा सकता है और प्रतिवादी को जेल भेजा सकता है.’अदालत ने इस बात का भी जिक्र किया कि निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को 2009 से गुजारा भत्ते की लंबित बकाया राशि लगभग 2.60 करोड़ रुपये और 1.75 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने को कहा था

लेकिन शख्स ने अब तक लंबित रकम में से 50,000 रुपये ही दिए हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए पति ने अदालत से कहा कि उसने अपना सारा पैसा दूरसंचार क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी एक परियोजना के अनुसंधान एवं विकास में लगा दिया है.

इस बात को सुन कर पीठ ने व्यक्ति को पैसा उधार लेने या बैंक से ऋण लेने और अपनी पत्नी को एक हफ्ते के अंदर गुजारा भत्ता की लंबित राशि एवं मासिक राशि अदा करने को कहा, अन्यथा उसे सीधे जेल भेज दिया जाएगा.

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