दिल्ली में कोरोना के लगातार घटते मामलों के मद्देनज़र दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम में कोरोना बेड्स की संख्या घटानी शुरु कर दी है. प्राइवेट अस्पताल/नर्सिंग होम जिनकी कुल क्षमता 100 बेड्स या उससे ज़्यादा है वो अपनी कुल क्षमता का अब केवल 30% तक ही कोरोना के इलाज के लिए रिज़र्व कर सकते हैं.
पहले ये 80% तक कोरोना ट्रीटमेंट के लिए रिज़र्व थे. ऐसे सभी प्राइवेट अस्पताल/ नर्सिंग होम जिनकी कुल क्षमता 100 बेड्स से कम है. उनको छूट होगी कि वो कोरोना ट्रीटमेंट के लिए बेड्स रिज़र्व कर भी सकते हैं, और नहीं भी. पर जिन नर्सिंग होम को कोविड ट्रीटमेंट के लिए अस्थाई रजिस्ट्रेशन मिला है उनको 100% बेड्स कोरोना के लिए रिजर्व रखने होंगे.
दरअसल ये कदम इसलिए उठाया गया है क्यूंकी गैर-कोरोना मरीजों को इलाज मिलने में दिक्कत आ रही है क्योंकि अस्पतालों में बड़ी संख्या में बेड कोरोना के लिए आरक्षित हैं लेकिन खाली पड़े हैं.
पर दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि अगर दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो सभी प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम अपने बेड की संख्या तुरंत बढ़ाएंगे.
दिल्ली सरकार के कुल 20 अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर में कोविड बेड और कोविड ICU बेड की संख्या कम करने के बाद कुल रिज़र्व कोविड बेड की संख्या 3000 और कोविड ICU बेड की संख्या 1620 कर दी गई है. लोकनायक अस्पताल के साथ अटैच किये गए शहनाई बैंक्वेट हॉल में बेड्स की संख्या शून्य कर दी गया है.
और संत निरंकारी कोविड केयर सेंटर में 50, यमुना स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में 50, सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर छतरपुर में 200, अक्षरधाम कोविड केयर सेंटर में 50 और गुरुद्वारा रकाबगंज में बने कोविड केयर सेंटर में 100 बेड की संख्या है.