व्यवसाय करना करना सरकार का काम नहीं ये बोलते हुए प्रधानमंत्री ने सरकारी कंपनियों के निजीकरण का किया समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैर-रणनीतिक सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का जोरदार तरीके से समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि ‘व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं है’.उन्होंने कहा कि उनकी सरकार रणनीतिक क्षेत्रों में कुछ सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सरकारी इकाइयों का निजीकरण करने को प्रतिबद्ध है.
मोदी ने कहा कि घाटे वाले उपक्रमों को करदाताओं के पैसे के जरिये चलाने से संसाधन बेकार होते हैं. इन संसाधनों का इस्तेमाल जन कल्याण योजनाओं पर किया जा सकता है.प्रधानमंत्री के अनुसार, ‘हमारी सरकार का प्रयास लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के साथ ही लोगों के जीवन में सरकार के बेवजह के दखल को भी कम करना है.
यानी जीवन में न सरकार का अभाव हो, न सरकार का प्रभाव हो.’
आगे उन्होंने कहा ‘उपक्रमों और कंपनियों को समर्थन देना सरकार का कर्तव्य है. लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सरकार इन कंपनियों का स्वामित्व रखे और इन्हें चलाए.’
उसके बाद पीएम मोदी ने कहा निजी क्षेत्र अपने साथ निवेश, वैश्विक सर्वश्रेष्ठ व्यवहार, बेहतरीन प्रबंधक, प्रबंधन में बदलाव और आधुनिकीकरण लाता है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों की हिस्सेदारी बिक्री से जो पैसा आएगा उसका इस्तेमाल जन कल्याण योजनाओं मसलन जल और साफ-सफाई, शिक्षा और स्वास्थ्य पर किया जाएगा.
सरकार चार रणनीतिक क्षेत्रों- परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष एवं रक्षा, परिवहन एवं दूरसंचार; बिजली, पेट्रोलियम, कोयला और अन्य खनिज; बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि इनमें सरकार की उपस्थिति को न्यूनतम स्तर पर रखा जाएगा.उन्होंने कहा व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं, सरकार का ध्यान जन कल्याण पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य आधुनिकीकरण और मौद्रिकरण है.