Eid-E-Milad 2020: पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन पर पड़े उनके पवित्र संदेश
आज पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्मदिवस है. इस दिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के तौर पर मनाया जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक इस्लाम के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख, 571ईं. के दिन ही इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर का जन्म हुआ था.
दुनिया भर के मुसलमान उनकी जन्म की खुशी में मस्जिदों में नमाज़ें अदा करते हैं. रातभर मोहम्मद को याद कर प्रार्थनाएं कर जुलूस निकालते हैं, मजलिसे करते हैं. इसके साथ ही पैगंबर मोहम्मद साहब की दी गई शिक्षाओं और पैगामों को पढ़ा जाता है. बता दें पैगंबर हजरत मोहम्मद ने ही इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया था
पढे उनके पवित्र संदेश जो उन्होंने दुनिया को दिए
जो ज्ञान का आदर करता है
वह मेरा आदर करता है
विद्वान की कलम की स्याही
शहीद के खून से अधिक पाक है
ज्ञान को ढूंढने वाला अज्ञानियों के बीच
वैसा ही है जैसे मुर्दों के बीच जिंदा
ज्ञानियों के साथ बैठना इबादत है
मजदूर को उसका मेहनताना
उसके पसीने के सूखने से पहले दे दें
वह आदमी जन्नत में दाखिल नहीं हो सकता
जिसके दिल में घमंड का एक कण भी मौजूद हो
सबसे अच्छा आदमी वह है
जिससे मानवता की भलाई होती है
जिसके पास एक दिन और एक रात का भी खाना है
उसके लिए भीख मांगना मना है
सबसे अच्छा मुसलमान घर वह है
जहां यतीम पलता है
सबसे बुरा मुसलमान घर वह है
जहां यतीम के साथ दुर्वव्यवहार किया जाता है
भूखे को खाना दो, बीमार की देखभाल करो
अगर कोई अनुचित रूप से बंदी बनाया गया है तो उसे मुक्त करो
आफत के मारे प्रत्येक व्यक्ति की सहायता करो
भले ही वह मुसलमान हो या गैर मुस्लिम
जो ज्ञान की खोज में घर-बार छोड़ देता है
वह अल्लाह के रास्ते पर चलता है
यहां तक के वह वापस लौटे
अल्लाह के सभी प्राणी उसका परिवार हैं
अल्लाह उसे सबसे अधिक चाहता है
जो अल्लाह के प्राणियों की ज्यादा से ज्यादा भलाई करता है
जो व्यक्ति कदम उठाए ज्ञान पाने के लिए
उसके कदम उठाने से पहले
उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं