सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह मामले में बरी हुए विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने का प्रबंध करें.
पिछले साल कोरोना के नाम पर तबलीग़ी जमात के लोगों को मीडिया ने बहुत बदनाम करने की कोशिश की थी और 35 विदेशी नागरिकों ने दिल्ली पुलिस ने पासपोर्ट भी जब्त भी किए थे । बाद मे कोर्ट ने उन सबको बाइज्जत बरी कर दिया था.
अब दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह पिछले साल तबलीगी जमात कार्यक्रम मामले में बरी किए गए 35 विदेशी नागरिकों के जब्त पासपोर्ट जारी करें. इन लोगों पर कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों की कथित तौर पर अवहेलना कर तबलीगी जमानत कार्यक्रम में शिरकत करने का आरोप था.
अदालत का यह निर्देश जांचकर्ता अधिकारी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें इन लोगों के पासपोर्ट जारी करने पर कोई आपत्ति नहीं है.इन विदेशी नागरिकों की ओर से अदालत में पेश अधिवक्ता आशिमा मंडला ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में इनके खिलाफ जारी किए गए लुकआउट सर्कुलर वापस ले लिए गए हैं.
अदालत में दायर की गईं याचिकाओं में इनके पासपोर्ट जारी करने की मांग की गई.इन याचिकाओं में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह मामले में बरी हुए विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने का प्रबंध करें.
चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने अपने आदेश में कहा, ‘इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कि आरोपियों को 15 दिसंबर 2020 के आदेश में अदालत द्वारा बरी कर दिया गया है.
और अभी तक इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने कोई अपील नहीं की है इसलिए याचिकाकर्ताओं के सत्यापन के बाद इनके जब्त पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया जाता है.’