china ko delhi se sikhne ki zarurat hawa zehrili ho tab bhi chut rahe pathake

चीन में वायु की गुणवत्ता का स्तर 250 से अधिक होने भर से राजधानी बीजिंग के स्कूलों में बाहरी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। कई बड़े शहरों के राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद कर दिया गया है। चीन में कोयले का अंधाधुंध खनन हो रहा है। कोयले से बिजली बनाने की कोई योजनाओं को मंज़ूरी दी गई है।

china air quality
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भारत में ऐसा कुछ नहीं है। दिल्ली और आस-पास के इलाक़ों में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक बीजिंग से दुगना है। फिर भी यहाँ बाहरी गतिविधियाँ जारी है। किसी तरह की कोई बेचैनी नहीं है। अभी भी पटाखों की आवाज़ आ रही है जबकि दिवाली बीत गई है।

ऐसे लोगों पर गर्व हो रहा है। अपनी परंपराओं की रक्षा हर हाल में करनी है और पटाखे छोड़ने ही हैं। ऐसे न समझने वाले लोगों की वजह से ही दिवाली की रौनक़ बची हुई है।

diwali ne chudaye delhi walo ke ansu
diwali ne chudaye delhi walo ke ansu

दिवाली की अगली सुबह दिल्ली की हवा और ज़हरीली हो गई है। पाँच साल यह सबसे ख़राब स्तर है। पिछले चौबीस घंटे से वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI 462 बना हुआ है। जो बहुत ही घातक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार AQI-15 होना चाहिए। दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद में 470 है। ग्रेटर नोएडा जो आम तौर पर खुला इलाक़ा माना जाता है वहाँ का भी AQI 470 है।

diwali night
diwali night

अच्छी बात है कि हमने तर्कों और तथ्यों से चीज़ों को देखना बंद कर दिया है। हम लोग अब धर्म से चीज़ों को देखते हैं।अगर एक बार कोई चीज़ धर्म के नाम पर परंपरा से जुड़ जाए तो उसका बचाव पूरी ताक़त से करते हैं भले ही दिल्ली के लोग साँस न ले सकें।

डॉ कहते रह गए कि फेफड़े ख़राब हो जाएँगे। कोविड के बाद जो ठीक हुए हैं उन्हें और तकलीफ़ होगी। लेकिन यहाँ की जनता ने दिखा दिया है कि ये सारी बातें बकवास हैं। बीजिंग को दिल्ली से सीखना चाहिए।

1000 AQI होने पर भी कुछ बंद नहीं हुआ है। बीजिंग में मात्र 250 AQI पर ही रास्ते बंद किए जाने लगे। आपसे भी निवेदन हैं कि दिमाग़ लगाकर न सोचें बल्कि सोचें तो दिमाग़ हटा कर सोचें। इससे आपको तकलीफ़ नहीं होगी। हवा ही ख़राब होगी। आपका मन ख़राब नहीं होगा।

Ravish kumar { NDTV}

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