आजमगढ़ में रात भर खोजने पर नहीं मिला दूल्हन का घर, बुद्धू बनकर वापस लौट आए बराती और वर
उत्तर प्रदेश:-आजमगढ़ में रात भर खोजने पर नहीं मिला दूल्हन का घर, बुद्धू बनकर वापस लौट आए बराती और दूल्हा आजमगढ़ से बरात लेकर मऊ में कन्या के घर पहुंचने पर कन्या का घर ही नहीं मिला बरातियों को।
जिले के युवक की दूसरी शादी का सपना तब चकनाचूर हो गया जब बरात लेकर कन्या के घर पहुंचने पर कन्या का घर ही नहीं मिला। इसके बाद आक्रोशित बरातियों ने शादी की अगुवाई करने वाली महिला को बंधक बना लिया।
युवक के पक्ष के लोगोंं ने महिला को बंधक बनाया तो पूरा मामला उजागर हुआ।
प्रकरण की जानकारी कोतवाली तक हुई तो बेहज्जती के डर से कोई पक्ष लिखित कार्रवाई के लिए तैयार नहीं हुआ। इस पर पुलिस ने सभी लाेगों को छोड़ दिया।
कांंशीराम कालोनी के युवक की पहली पत्नी बिहार की है जो काफी दिनों से मायके में ही रह रही है। इधर युवक ने दूसरी शादी की योजना बनाई और एक महिला के माध्यम से शादी मऊ जिले में तय भी हो गई।
पीडित पक्ष के अनुसार बैंड बाजा और आतिशबाजी के लिए बिसाती को देने के लिए हजारों रुपये भी दे दिए गए थे। युवक के पक्ष ने लड़की वालों को रुपये भी दे दिए थे लिहाजा तय स्थान पर बाजा और आतिशबाजी के लिए लोगों का इंतजार किया, नहीं मिलने पर कन्या के घर की पूछताछ शुरू की लेकिन लोगों ने अनभिज्ञता जताई तो बरातियों के कान खड़े हो गए।
थकहार कर दूल्हा और बराती रात में ही अपने घर वापस आ गए।
रात भर संबंधित क्षेत्र में बराती दूल्हन का घर खोज खोजकर हार गए लेकिन घर और मंडप का कहीं दूर दूर तक पता नहीं था। थकहार कर दूल्हा और बराती रात में ही अपने घर वापस आ गए।
वहीं क्षेत्र में दूल्हन न मिलने की जानकारी होने के बाद क्षेत्र में तरह तरह की चर्चा रही। दूल्हे के अनुसार लड़की दूसरे स्थान पर कन्या पक्ष ने दिखाई थी लिहाजा घर की जानकारी नहीं हो सकी।
दूल्हा पक्ष ने कन्या का घर तक नहीं देखा था और बताए गए स्थान पर गुरुवार को बरात लेकर पहुंंच गए। दिए गए फोन नंबरों पर भी किसी प्रकार से संपर्क नहीं हो पाने की वजह से लोग आधी रात तक परेशान रहे।
वहां उस पते पर कोई कन्या पक्ष का घर बताने वाला नहीं मिला तो सभी खोजबीन कर पस्त होकर वापस लौट आए। इधर शनिवार को युवक पक्ष ने अगुवाई करने वाली महिला को पकड़कर बंधक बना लिया।
सूचना पर पुलिस दोनों पक्षों को कोतवाली ले आई और पूछताछ के साथ कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन कोई पक्ष लिखित कार्रवाई के लिए तैयार नहीं हुआ तो सभी को आखिरकार छोड़ दिया गया।
शहर कोतवाल के के गुप्ता के अनुसार दोनों मध्यस्थता करने वाली महिला और दूल्हा पक्ष ने कुछ देर बाद समझौता कर लिया और अपने-अपने घर चले गए।