कुछ कर दिखाने का जज़्बा हो, तो कोई अड़चन उसे नहीं रोक सकती. देश में ऐसे बहुत से बिज़नेसमैन हैं, जिन्होंने अपना क़ारोबार बहुत ही कम पैसों में शुरू किया. लेकिन उनकी दृढ़ निश्चय और मेहनत ने उन्हें बहुत आगे पंहुचा दिया है.
इस सूची में एक नाम Raghunandan Srinivas Kamath का भी है. जिन्होंने 80 के दशक में शुरू किये आइसक्रीम बिज़नेस से 300 करोड़ रुपयों का कारोबार खड़ा कर दिया. चलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से भारत के बेस्ट आइसक्रीम ब्रांड के संस्थापक की सफलता की कहानी पढ़ते हैं
ऐसे हुई बिज़नेस की शुरुआत
रघुनंदन का जन्म कर्नाटक के पुत्तुर तालुका के मुलकी गांव के छोटे परिवार में हुआ था. लेकिन कहते हैं ना, ‘जहां चाह है, वहीं राह है”. उनके पिता शुरू से फ़ल और सूखी लकड़ियां बेच कर अपने बच्चों का पेट पालते थे.
जिसमें रघुनंदन भी साथ देते थे. शायद कहीं न कहीं रघुनंदन को अपने बिज़नेस शुरू करने का आईडिया मिल गया था. जब रघुनंदन बड़े हुए, तो 1966 में घर की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए वो अपने भाइयों के पास मुंबई चले गए.
कामत सिर्फ़ 14 साल के थे, जब वो मुंबई आए थे. उन्होंने मुंबई आते ही, पढ़ाई शुरू करने का फ़ैसला लिया. लेकिन वो बोर्ड्स की परीक्षा पास नहीं कर पाए. तो उन्हें अपने बड़े भाई की साउथ इंडियन खाने की दुकान “Gokul Refreshments” में हाथ बटाना पड़ा.
जिसमें वो घर की बनी हुई आइसक्रीम बनाते थे. कामत के भाई सिर्फ़ चॉकलेट और वैनिला आइसक्रीम बनाते थे. लेकिन कामत इन दोनों फ़्लेवर के अलावा असली फ़ल के रस से आइसक्रीम बनाना चाहते थे.
जिसके कुछ समय बाद, कामत और उनके भाई का बंटवारा हो गया और कामत को उन पैसों में से 3,50,000 रुपये मिले. इन पैसों से कामत ने ‘Naturals’ ब्रांड सिर्फ़ 6 स्टाफ़ के साथ शुरू किया. जिसमे उन्होंने 1 हफ़्ते के अंदर 1000 आइसक्रीम के कप बेच दिए थे.
बिज़नेस रणनीति ने बदल दी क़िस्मत
कामत ने अपने बिज़नेस की शुरुआत 1984 में मुंबई के जुहू में की थी. कामत की ख़ासियत थी कि वो आइसक्रीम दूध, चीनी और फ़ल से बनाते थे. लेकिन इसके बावजूद भी उनकी आइसक्रीम की ख़ास बिक्री नहीं हुई.
जिसके बाद कामत ने दिमाग लगा कर, एक रणनीति तैयार की. जिसमे उन्होंने आइसक्रीम के साथ पाव भाजी भी बेचना शुरू कर दिया. ताकि लोग मिर्च से लबालब पाव भाजी खाने के बाद ठंडी-ठंडी आइसक्रीम खाएं.
साथ ही हैरानी की बात ये थी कि उनकी ये तरक़ीब काम कर गई. जिसके बाद कामत ने 1985 में वापस पाव भाजी को हटाकर सिर्फ़ आइसक्रीम बेचना शुरू कर दिया.
नैचुरल्स आइसक्रीम आज अपने अनोखेपन और नई वैरायटी के लिए काफ़ी फ़ेमस है. 1985 के बाद जब कामत की बिक्री काफ़ी बढ़ने लगी, तो बिज़नेस में उनका मुक़ाबला काफ़ी बढ़ गया.
जिसके बाद कामत ने अपने ग्राहकों से और नए फ़्लेवर्स के बारे में पूछा और मार्केट में कटहल, कच्चा नारियल और काला जामुन, जैसे नए फ़्लेवर्स लेकर आए.
आज नैचुरल्स आइसक्रीम का बोलबाला पूरे भारत में है. कंपनी के हिसाब से पूरे भारत देश में इनके 135 से भी ज़्यादा आउटलेट्स हैं.
साथ ही कंपनी की रणनीति है कि, दिल्ली में इसके 100 आउटलेट खोलेगी. इतना ही नहीं आज कंपनी का टर्नओवर 300 करोड़ रुपये है. जिसके फ़ैन फ़िल्म स्टार्स भी हैं. (Naturals Ice Cream Owner)