7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 10 को पद्म भूषण और 102 को पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है.
हर साल की तरह 26 जनवरी को सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई. रिपोर्ट के अनुसार, 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 10 को पद्म भूषण और 102 को पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है. इनमें से 12 लोग ऐसे हैं, जो अपने सामाजिक कार्य के लिये जाने जाते हैं.
चलिए बताते है कोण कोण है इस लिस्ट में शामिल
प्रकाश कौर
प्रकाश कौर जलंधर से ताल्लुक रखती है उन्होंने अब तक 80 से अधिक बच्चियों को नया जीवन दिया है. इसके साथ ही उनके यूनीक होम इनिशिएटिव को भी काफ़ी सराहना मिली थी.
चुटनी देवी
चुटनी देवी झारखंड से तालुक रखती है वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वो पिछले 21 साल ‘डायन प्रथा’ के खिलाफ़ जागरूकता अभियान चला रही हैं, क्योंकि कभी उन्हें डायन कह कर गांव से निकाल दिया गया था.
लक्ष्मी बरुआ
लक्ष्मी बरुआ वो महिला हैं जिन्होंने ज़रूरतमंद महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होने का मौक़ा दिया है. उन्होंने 1998 में Konoklota Mahila Urban Cooperative Bank की शुरूआत की थी.
संगखुमि बुआलछुआक
संगखुमि बुआलछुआक मिजोरम से है और ये भी सामाजिक कार्यकर्ता हैं. संगखुमि की वजह से मिजोरम के नियम और क़ानून में बदलाव देखे गये, जिनसे लोगों की ज़िंदगी को एक नया आयाम मिला.
जगदीश चौधरी
काशी के डोमराजा जगदीश चौधरी को भी मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान वो प्रधानमंत्री नरेंद्र के प्रस्तावक थे. लंबी बीमारी के चलते पिछले साल अगस्त में उनका निधन हो गया था.
सुल्तरिम चोनजोर
लद्दाख के सुल्तरिम चोनजोर को उनकी अनोखी समाज सेवा के लिये पद्मश्री सम्मान के लिये नामित किया गया है.
बीरूबाला राभआ
असम राज्य के गोवालपारा ज़िले से तालुक रखने वाली बीरूबाला कई सालों से विच हंटिंग के ख़िलाफ़ अभियान चला रही हैं और उसमें सफ़ल भी रहीं. इसके चलते 2015 में सरकार ने विच हंटिंग के ख़िलाफ़ एक कानून भी बनाया था. इसको भी सम्मान मिल है
श्याम सुंदर पालीवाल
पर्यवरण संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे आहम अभियान के लिये काम करने वाले राजस्थान के श्याम सुंदर पालीवाल को भी पद्मश्री देने का ऐलान किया गया है.
सिंधुताई सपकाळ
सिंधुताई सपकाळ अनाथ बच्चों को सहारा देकर उन्हें उनकी ज़िंदगी संवारने का मौक़ा देती हैं. सिंधुताई को ‘अनाथों की मां’ के नाम से भी जाना जाता है. इसको भी सम्मान मिल है
जितेंद्र सिंह शंटी
दिल्ली के जितेंद्र सिंह शंटी शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक हैं. ये संस्था पिछले 26 साल से ज़रूरतमंदों को निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करा रही है. इनको भी सम्मान मिल है
गिरीश प्रभुने
गिरीश प्रभुने पुणे से हैं. वो ‘Punarutthan Samarasata Gurukulam’ नामक NGO भी चलाते हैं. समाज के प्रति इन्हीं सराहनीय कार्यों को देखते हुए उन्हें पद्मश्री से नवाज़ा जायेगा.
मराची सुब्बुरमण
मराची सुब्बारमण तमिलनाडु से तालुक रखते है और ये एक समाजिक कार्यकर्ता है और उनकी अतुल्य समाज सेवा को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्मा अवॉर्ड से सम्मानित करने का निर्णय लिया है.
पद्मश्री मिलने पर इन सब को हमारी तरफ से बधाई