NEET मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़े एक घोटाले का पता चला है, जिसमें परीक्षा पास करने के लिए प्रॉक्सी का उपयोग करने का प्रयास किया गया था और प्रति उम्मीदवार 50 लाख रुपये का भुगतान किया गया था.
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र में स्थित एक कोचिंग सेंटर आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस, उसके निदेशक परिमल कोटपल्लीवार और कई छात्रों पर आरोप लगाए गए हैं. जांच में पता चला है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के इच्छुक अभ्यर्थियों के माता-पिता से 50 लाख रुपये तक की राशि के पोस्ट डेटेड चेक और मूल अंकतालिकाओं को जमानत के रूप में जमा करने के लिए कहा गया था.
कोचिंग सेंटर द्वारा कहा गया था कि तय राशि की वसूली के बाद चेक और मार्कशीट वापस कर दी जाएंगी. FIR में कहा गया है कि “जानकारी से पता चला है कि परिमल और उसके सहयोगियों द्वारा परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों के यूजर आईडी और पासवर्ड एकत्र किए गए हैं
और उनके द्वारा योजना के अनुसार वांछित परीक्षा केंद्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक संशोधन किए गए. वे तस्वीरों को मिलाने / बदलने की प्रक्रिया का भी उपयोग करते हैं. वे यह परीक्षा में उपस्थित होने के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवारों की सुविधा के लिए.
फर्जी आईडी कार्ड बनाने के उद्देश्य से उम्मीदवारों के ई-आधार कार्ड की प्रतियां एकत्र करल रहे थे. परिमल ने उम्मीदवारों को उत्तर कुंजी देने और ओएमआर शीट में हेरफेर करने का भी आश्वासन दिया था.”
परिमल कोटपल्लीवार ने 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के लिए पांच प्रॉक्सी उम्मीदवार चुने थे. एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि वे प्रॉक्सी परीक्षा केंद्रों पर नहीं आए, जबकि एजेंसी के अधिकारी उन्हें रंगे हाथों पकड़ने के लिए केंद्रों पर इंतजार कर रहे थे.
आरोपी द्वारा किए गए वादों की जांच की गई और गिरफ्तारियां की गईं.”
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