रविवार, 14 जुलाई को लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर स्थानीय लोगों के घरों पर हमला किया
महाराष्ट्र के Kolhapur में उस समय सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया जब रविवार, 14 जुलाई को लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर स्थानीय लोगों के घरों पर हमला किया, एक मस्जिद में तोड़फोड़ की और ऐतिहासिक विशालगढ़ किले की तलहटी में अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग करते हुए ग्रामीणों की पिटाई कर दी.
पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजी राजे ने अपने समर्थकों से अवैध अतिक्रमणों पर अधिकारियों की निष्क्रियता के विरोध में किले तक मार्च का आह्वान किया था, जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई. कोल्हापुर पुलिस ने अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 500 लोगों के खिलाफ चार FIR दर्ज की गई हैं.
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
अतिक्रमण के मुखर आलोचक रहे संभाजी राजे ने पिछले सप्ताह किले पर विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था. हालांकि, इसके लिए कोई आधिकारिक अनुमति नहीं मिली थी, इसके बावजूद उनके समर्थक और हिंदूवादी संगठनों के सदस्य शनिवार रात से ही किले पर जुटने लगे.
रविवार सुबह को कुछ उपद्रवियों द्वारा किले पर स्थित रहमान मलिक दरगाह पर कथित रूप से पथराव किए जाने के बाद हिंसा भड़क गई, जिसमें कुछ स्थानीय लोग और पुलिसकर्मी घायल हो गए. कुछ उपद्रवियों ने कथित तौर पर मस्जिद के बाहर ‘जय श्री राम’ और कुछ आपत्तिजनक नारे भी लगाए.
कथित तौर पर कुछ स्थानीय लोगों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. मामला बढ़ता देख, पुलिस ने किले को घेर लिया और प्रवेश पर रोक लगा दी, जिसके बाद भीड़ ने कथित तौर पर किले की तलहटी में स्थित गजपुर गांव में दुकानों और घरों पर हमला कर दिया.
सूत्रों ने बताया कि गजपुर में कई घरों में कथित तौर पर आग लगा दी गई, जबकि कई घरों और दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. हिंसा में कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और उन्हें किले से नीचे फेंका गया. घटनास्थल से प्राप्त वीडियो में एक उपद्रवी को मस्जिद के ऊपर देखा जा सकता है, जो नारे लगाते हुए गुंबदनुमा ढांचे को तोड़ने की कोशिश कर रहा है.
चाकू और लाठियों के बल पर धमकाया और पत्रकारों के उपकरण छीन लिए
कई स्थानीय पत्रकारों ने आरोप लगाया कि भीड़ में शामिल लोगों ने उन्हें घटना की रिपोर्टिंग से रोकने की कोशिश की और चाकू और लाठियों के बल पर धमकाया.
कई पत्रकारों ने दावा किया कि उनके उपकरण, मोबाइल फोन और बूम माइक को बदमाशों ने तलवारों और चाकुओं के दम पर छीन लिया. कुछ ने यह भी दावा किया कि उन्हें डराने के लिए उनके वाहनों का पीछा किया गया ताकि वे इलाके में न आएं.