गुरुग्राम मे मस्क न पहनने पर चलन काटने का आजीबो गरीब मामला सामने आया है
कोरोना संकट को देखते हुए आज कल गुरुग्राम पुलिस चलते-चलते चालान काट देती है। पहले फोटो खींच लेती है ताकि सामने वाला अधिक तर्क-वितर्क न कर सके। लेकिन, कई बार दूर से ही फोटो खींचना महंगा पड़ जाता है।
पिछले सप्ताह झाड़सा रोड पर कुशेश्वर भगत नामक व्यक्ति का फोटो एक पुलिसकर्मी ने खींच लिया। इसके बाद चालान काट दिया। जब कुशेश्वर भगत ने कहा कि उनके पास मास्क है।
पानी पीने के लिए मास्क को उतारकर जेब में रखा था। क्या मास्क पहनकर पानी पी सकते हैं? इस सवाल का पुलिसकर्मी के पास कोई जवाब नहीं था।
तर्कविहीन पुलिसकर्मी यही कहता रहा कि अब तो चालान कट गया भाई, पैसे तो देने ही होंगे। इस पर कुशेश्वर भगत ने कहा कि वह इस बात की शिकायत ऊपर तक करेंगे तो पुलिसकर्मी के चेहरे पर पसीना आ गया। इस घटना से पुलिसकर्मी को अहसास हुआ कि सोच-समझकर चालान काटना चाहिए।
खाकी से तेज चल रहे जालसाज प्रदेश में गुरुग्राम पुलिस अपने आपको सबसे स्मार्ट समझती है लेकिन जालसाज इनसे भी स्मार्ट दिख रहे हैं। पुलिस लोगों से अपील करती रही है कि अपने खातों के बारे में किसी को जानकारी मत दो।
न एटीएम कार्ड किसी को दो और न ही पिन नंबर बताओ
न एटीएम कार्ड किसी को दो और न ही पिन नंबर बताओ। इस अपील से काफी लोग जागरूक हो गए, फिर भी खाते से पैसे निकल रहे हैं। अब जालसाज आनलाइन खाते से ही पैसे निकालने लगे हैं। अब खाकी वाले सोच में पड़े हैं कि लोगों को कैसे जागरूक करें।
सेक्टर-50 निवासी वीके शर्मा के पास न ही किसी का फोन आया और न ही उन्होंने किसी को अपने खाते के बारे में जानकारी ही दी। इसके बाद भी उनके खातों से हजारों रुपये निकल गए। कहते हैं कि जिससे धोखाधड़ी किए जाने की बात करता हूं तो वही प्रवचन सुना देता है कि जरूर जालसाज को खाते के बारे में बताया होगा।
झपटमारी से शर्माने लगी पुलिस साइबर सिटी में पहले सुनसान इलाकों में ही झपटमारी की वारदात होती थी। अब झपटमार दिनदहाड़े कहीं भी वारदात को अंजाम देते हैं। इससे पुलिस की परेशानी बढ़ गई है।
कई बार हो चुकी है पुलिस की किरकिरी
यही नहीं पुलिस को इस तरह की वारदात से कहीं न कहीं शर्म भी आने लगी है। कुछ दिन पहले पालम विहार इलाके में रहने वाले पंकज नामक युवक का मोबाइल झपटमार ने झपट लिया। वह थाने में पहुंचे तो एक पुलिसकर्मी ने सुझाव दिया कि मोबाइल हाथ से कहीं से गिर गया, शिकायत में यही लिखना।
पुलिसकर्मी का सुझाव सुनकर पीड़ित अचंभित रह गया और कहा, साहब मोबाइल जब झपटमार ने झपट लिया फिर मैं गिरने की बात का क्यों शिकायत में उल्लेख करुं। इस पर पुलिसकर्मी ने कहा कि जांच झपटमारी के हिसाब से ही की जाएगी लेकिन मामला दर्ज मोबाइल गिरने की कराओ।
इससे साफ है कि झपटमारों ने पुलिस के नाक में दम कर रखा है। मास्क से पुलिस परेशान साइबर सिटी के चोर भी स्मार्ट होते जा रहे हैं। दो की संख्या में चोर किसी दुकान पर उस समय पहुंचते हैं, जब चार-पांच ग्राहक खड़े होते हैं।
उसी दौरान वे 100-150 रुपये के सामान मांगते हैं। इस बीच दो हजार रुपये का नोट काउंटर पर रखते हैं। दुकानदार 150 रुपये काटकर बाकी के पैसे वापस कर देता है।
पैसा वापस करने के बाद जैसे ही दुकानदार दो हजार रुपये का नोट उठाकर गल्ले में रखना चाहता है वैसे ही चोर का एक साथी कुछ अन्य सामान देने के लिए कहता है।
इससे दुकानदार का ध्यान भटक जाता है। इस बीच चोर दो हजार रुपये का नोट उठाकर गायब हो जाते हैं। गांव समसपुर इलाके में ऐसे कई चोर सक्रिय हैं। पुलिस ढूंढने में लगी है लेकिन चोर मिल ही नहीं रहे। हर किसी के चेहरे पर मास्क लगा है, ऐसे में चोरों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है।