गुजरात में एफडीसीए ने करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य के 24,363 गर्भपात किट जब्त की है जिसे गैर कानूनी तरीके से बेचा जा रहा था. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपियों को एफडीसीए ने शुक्रवार और शनिवार को चलाए गए अभियान के तहत अहमदाबाद और सूरत सहित राज्य के विभिन्न स्थानों से पकड़ा है.
आरोपियों पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है जबकि एक व्यक्ति को गुजरात पुलिस ने उसके पास से ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन की तीन लाख शीशियों सहित मादक पदार्थ मिलने के बाद एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया.
दरअसल गर्भपात अधिनियम के तहत गर्भपात किट स्त्रीरोग विशेषज्ञ की अनुशंसा पर ही बेची जा सकती है. एफडीसीए ने एक विज्ञप्ति में बताया कि आरोपियों में से एक अहमदाबाद निवासी पिंटू शाह गर्भपात किट, एक अन्य आरोपी व बनासकांठा के दीसा में वितरक विनोद माहेश्वरी और लोकेश माहेश्वरी से गैर कानूनी तरीके से खरीदता था और उन्हें बिना डॉक्टर की पर्ची के ऑनलाइन बेचता था. शाह ने गत डेढ़ साल में करीब 800 ऐसे किट की बिक्री ऑनलाइन की है.
दीसा के रहने वाले माहेश्वरी को ये किट फर्जी चिकित्सा पर्ची के आधार पर सूरत के जावेरी सांगला से मिलते थे. सांगला को ये किट आरोपी राजेश यादव से मिलते थे, जो मुंबई की विपणन कंपनी में रीजनल सेल्स मैनेजर है.
एफडीसीए के मुताबिक अन्य आरोपी की पहचान निलय वोरा के तौर पर की गई है जो मुंबई स्थित कंपनी में विपणन प्रतिनिधि है. उसके अलावा अन्य आरोपियों में विपुल पटेल और मोनीश पंचाल भी शामिल हैं, जिनके पास से ऐसे 700 किट मिले हैं.
बयान में कहा गया कि अन्य आरोपी तुषार ठक्कर के पास से मादक पदार्थ मिले हैं जिसे पुलिस को सौंप दिया गया है. उसे एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है. अधिकारी ने बताया कि ठक्कर के पास से ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन की तीन लाख शीशियां, बिना लेबल वाले अन्य इंजेक्शन के साथ अन्य दवाओं एवं मादक पदार्थ को जब्त किया गया है.