2019 के चुनाव मे राफेल को ले कर काँग्रेस ने काफी हंगामा मचाया था और कहा था इसमे घोटाला हुआ है पर भारत मे इस आरोप को गंभीरता से किसी ने नहीं लिया पर इस आरोप को फ़्रांस सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है. दरअसल फ्रांस सरकार ने 59 हज़ार करोड़ रुपए के राफेल सौदे की जांच कराने का फैसला लेते हुए एक जज को भी नियुक्त कर दिया है.
फ्रांसीसी मीडिया जर्नल मीडियापार्ट की एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2016 में दोनों देशों के बीच हुई इस डील की अत्यधिक संवेदनशील जांच औपचारिक तौर पर 14 जून से शुरू हो गई थी. फ्रांसीसी वेबसाइट ने अप्रैल 2021 में राफेल सौदे में कथित अनियमितताओं को लेकर कई रिपोर्ट प्रकाशित की थीं.
2016 में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों की ख़रीद का सौदा किया था, जिसमें से 24 विमान अब तक भारत को मिल चुके हैं.इस मामले पर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं. 36 रफाल लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमले तेज़ कर दिए हैं.
पहले से ही इस मुद्दे को उठाती आ रही कांग्रेस ने अब भारत में भी इसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की है.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा रफ़ाल सौदे की जेपीसी से जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है? कांग्रेस पार्टी ने कई सवाल पूछे हैं और प्रधानमंत्री मोदी को प्रेस कांफ्रेंस कर इसके जवाब की चुनौती दी है.
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा जिस देश ने इस सौदे से लाभ कमाया जब वहां जांच हो रही है तो भारत में जांच क्यों नहीं हो सकती जिसने इसके लिए बड़ी कीमत चुकाई है.