भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीदी दिवस पर दिल्ली के बोर्डर्स पर युवाओ ने बड़ी कॉन्फ्रेंस आयोजित की। सभी धरनास्थलों पर देश भर से युवा इन जगहों पर पहुंच थे। सुबह 11 बजे शुरू होने वाले इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ जहां भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के विचारों पर प्रकाश डाला गया। यह शहीदी दिवस किसानों को समर्पित था जिसमें किसान मजदूर के शोषण पर भगतसिंह के विचारों को समझाया गया और आन्दोलन को कैसे मजबूत किया जाए इस पर भी बात हुई।
इसके तहत खटकड़ कलां, हिसार व मथुरा से चली पदयात्राएं दिल्ली की सीमाओं पर पहुकही थी। इन यात्राओं को भारी जनसमर्थन मिला। इसमें 26 मार्च के पूर्ण भारत बंद के संदेश भी जनता तक पहुचाया गया।
बीजेपी सरकार अपनी असफलता का ठीकरा किसानो पर फोड़ना चाहती है। असल मे किसानों के लिए हल निकालने की बजाय उन पर दोषारोपण कर रही है। मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि फोन कॉल की दूरी किसानों को तय करनी चाहिए। हम फिर से स्पष्ट करते है कि सरकार सही वातावरण में बातचीत का प्रस्ताव भेजें, किसान नेता बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार है।
कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर में भी विधानसभा मार्च निकाला गया जिसमें सयुंक्त किसान मोर्चा ने नेताओ ने भाग लिया। राज्य के कृषि मंत्री ने किसानों से मिलकर उनका ज्ञापन लिया।
खुईयां टोल प्लाजा डबवाली सिरसा में हजारों किसानों व मजदूर महासम्मेलन में पहुंचे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूंनी, बलदेव सिंह सिरसा, अभिमन्यु कोहाड़, लखविंदर सिंह सिरसा एसपी मसीता और कई किसानी कलाकारों ने अपने विचार रखे।
किसान आंदोलन के समर्थन में व शहीद भगतसिंह की याद में हरियाणा के रेवाड़ी में AIDSO के युवाओ द्वारा बाइक रैली निकाली गयी।