दिल्ली पुलिस ने आप विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान की शिकायत पर बीते शनिवार को हिंदुत्ववादी नेता तथा शिवशक्ति धाम डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई.
अधिकारियों ने यह जानकारी दी.खान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर कहा है कि उन्होंने नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में धार्मिक नेता मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादित बयान देते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसमें वे पैगंबर मुहम्मद को गाली दे रहे थे. यह वीडियो कथित तौर पर प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान का है.
नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ पुलिस से की गई शिकायत में कहा गया कि पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ ईश निंदा के संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है और यह मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत करता है,
इसलिए आरोपी व्यक्ति पर कार्रवाई की जानी चाहिए.खान ने कहा कि वे एक मुस्लिम हैं और इस्लाम के सिद्धांतों पर विश्वास करते हैं, रोजाना नमाज पढ़ते हैं और इस्लाम के पांचों स्तंभों का सख्ती से पालन करते हैं.
उन्होंने कहा कि इस्लाम का संस्थापक स्तंभ ‘ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मद उर रसूल अल्लाह’ है और वे इसका पालन करते हैं.आप विधायक ने कहा वे इस बात पर विश्वास करते हैं कि अल्लाह सर्वोपरि हैं और उनके खिलाफ निंदक वाक्यों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.शिकायतकर्ता ने कहा, ‘इस वीडियो क्लिप में इतने बुरे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है कि उसे यहां दोहराया भी नहीं जा सकता है.
जाहिर है कि सस्ती लोकप्रियता और निजी फायदे के लिए की गईं ऐसी टिप्पणियां बहुत बड़े स्तर पर मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं.’
खान ने कहा, ‘डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी, हिंदुत्व संगठन हिंदू स्वाभिमान के नेता और अखिल भारतीय संत परिषद के अध्यक्ष यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अपने पूरे होशो-हवास में न सिर्फ भारत के, बल्कि पूरी दुनिया के उन मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया है
जो पैगंबर मुहम्मद को प्यार करते हैं.’अमानतुल्ला खान ने कहा कि नरसिंहानंद सरस्वती आदतन नफरत फैलाने वाले व्यक्ति हैं और वे आए दिन गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करते रहते हैं.जामिया नगर पुलिस थाने में नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295ए (जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना, धार्मिक भावनाओं को अपमानित करना) के तहत केस दर्ज किया गया है.