महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटना से हर कोई गुस्से में है. इस मामले का बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान याचिका दायर की है.
क्या है पूरा मामला?
बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न किया गया. इस घटना को लेकर राज्य में आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है और बदलापुर में गुस्साए नागरिकों ने ट्रेन रोकी और स्कूल में तोड़फोड़ की. जिसके बाद उपद्रवियों पर भी कार्रवाई की गई.
कोर्ट ने पुलिस की कार्यवाही पर उठाए ये सवाल
इस मामले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि जब एसआईटी बनी और जांच सौंपी गई तो बदलापुर पुलिस ने पूरा रिकॉर्ड एसआईटी को क्यों नहीं सौंपा.
सराफ ने कहा कि दूसरे पीड़ित के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि तो आप हमसे तथ्य क्यों छिपा रहे हैं?.सरकारी वकील सराफ ने कहा कि मैंने अभी कोर्ट में अधिकारी से पूछा.
कोर्ट ने कहा कि POCSO अधिनियम की धारा 39 और 40 देखें, इसमें बच्चे को परामर्श देने का प्रावधान है. कोर्ट के ये कहने पर सराफ ने कहा कि हमें कुछ समय दें हम जवाब देंगे.
कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में एसआईटी का गठन कब हुआ था? जिसका जवाब देते हए सराफ ने कहा कि घटना 12 और 13 अगस्त की है. कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं पता कि बदलापुर पुलिस ने इस मामले की जांच कैसे की है, इसने शायद ही कुछ किया हो. सरकारी वकील ने कहा कि हमने कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है