Oxygen Shortage in Delhi: Delhi High Court ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को सुझाव दिया कि जैसे ब्लड बैंक होता है उसी तर्ज पर ऑक्सीजन सिलेंडर बैंक बनाया जा सकता है, जहां लोग ऑक्सीजन सिलेंडर जमा कर सकते हैं और जिन्हें जरूरत हो वहां से सिलेंडर ले सकते हैं.
वहीं, ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर अदालत ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि आप इस पर अंधे हो सकते हैं हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि वह इस पर काम करे और लोगों को समझाए कि वो जरूरत ना होने पर सिलेंडर बैंक में जमा कर दें. दिल्ली सरकार ने कहा कि ये एक अच्छा सुझाव है और इस पर निर्देश लेंगे.
वहीं, एमिकस राजशेखर राव ने हाईकोर्ट बताया कि हमें अगले 3-4 दिनों में 480-520 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल जाएगी और उम्मीद है कि हम अगले सात दिनों में 550-600 मीट्रिक टन को छू लेंगे, क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अगर कुछ दिनों में दिल्ली में 100 MT टन ऑक्सीजन रिजर्व रखा जाना चाहिए, जिसे SoS कॉल आए तो भेजा जाना चाहिए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र पर उठाया सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि आपको 700 मीट्रिक टन की आपूर्ति करनी है. अगर आप इसका पालन नहीं करते तो आप अवमानना के दायरे में होंगे.
अब यह आपका काम है. टैंकर उपलब्ध हैं, लेकिन आप यह काम करने को तैयार नहीं हैं.
‘आप अंधे हो सकते हैं हम नहीं है’
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जब लोग मर रहे हैं तो ये एक भावनात्मक मामला है. आप इस पर अंधे हो सकते हैं हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते. यह दुखद है कि दिल्ली में ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की जान जा रही है.
आप इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं. जो दिल्ली सरकार कह रही है वो सिर्फ बयानबाजी नहीं है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने कहा था कि केंद्र को 590 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देनी है. लोग मर रहे हैं. इस पर एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि बयानबाजी में नहीं आना चाहिए.