arrest warrant issued against swami prasad maurya

गौरतलब है कि साल 2014 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक विवादित बयान दिया था, इसमें उन्‍होंने कहा था, ‘शादियों में गौरी-गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए. यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको गुलाम बनाने की साजिश है.

‘इस मामले में बुधवार को स्वामी प्रसाद मौर्य कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो अपर मुख्य दंडाधिकारी एमपी-एमएलए ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. अब इस मामले में 24 जनवरी को सुनवाई की तारीख तय हुई है.

यह संयोग ही माना जाएगा कि  योगी आदित्‍यनाथ सरकार में मंत्री पद से इस्‍तीफा देने के एक दिन बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ वारंट जारी हुआ है.  मौर्य, उत्तर प्रदेश में ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं.

अन्‍य पिछड़ा वर्ग (OBC)के प्रभावी नेता और पांच बार के विधायक स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती की बीएसपी  छोड़ने के बाद 2017 में बीजेपी ज्‍वॉइन की थी. वह अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का मुकाबला करने के लिए ओबीसी वोटर्स को आकर्षित करने की बीजेपी की योजना कें केंद्र बिंदु थे.

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